इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे 22वें CWG के एक ही दिन में भारतीय पहलवानों ने अपना दम दिखाते हुए तीन गोल्ड समेत कुल 6 मेडल अपनी झोली में डाल लिए.

आप सोच रहे होंगे कि यह केतली पहलवान कौन है. तो बता दें कि दीपक पूनिया को ही उनके गांव में केतली पहलवान कहा जाता है. गांव वालों ने दीपक को बचपन से ही केतली पहलवान बुलाना शुरू कर दिया था. इस नाम के पीछे भी एक अलग ही स्टोरी है.

दीपक पूनिया ने गोल्ड दिलाया था. उन्होंने फाइनल में पाकिस्तान के रेसलर को हराकर गोल्ड मेडल जीता. दीपक पूनिया ने 86 किग्रा. फ्री-स्टाइल कुश्ती में पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को 3-0 से मात दी. पूरे मैच में दीपक पूनिया हावी नज़र आए. मैच में एक भी समय ऐसा नहीं लगा कि पाकिस्तानी रेसलर जरा भी दीपक पर हावी हुए हैं. बल्कि दीपक के दांव के आगे पाकिस्तानी रेसलर ही थके हुए नजर आए.

Deepak puniya

4 साल की उम्र में पहलवानी में दिखाई थी दिलचस्पी

बता दें कि दीपक को पहलवानी विरासत में मिली है. उनके पिता और दादा भी पहलवान थे और यही वजह थी कि महज 4 साल की उम्र से ही दीपक पहलवानी में दिलचस्पी लेने लगे थे. दीपक ने जब अपना पहला दंगल जीता था, तब उन्हें इनाम के तौर पर 5 रुपये मिले थे.